बुंदेलखंड में ओरछा पुराना राज्य है। इसके राजा बुंदेले हैं। इन बुंदेलों ने पहाड़ों की घाटियों में अपना जीवन बिताया है। एक समय ओरछे के राजा जुझार सिंह थे। ये बड़े साहसी और बुद्धिमान थे। शाहजहाँ उस समय दिल्ली के बादशाह थे। जब शाहजहाँ लोदी ने बलवा किया और वह शाही मुल्क को लूटता-पाटता ओरछे की ओर आ निकला, तब राजा जुझार सिंह ने उससे मोरचा लिया। राजा के इस काम से गुणग्राही शाहजहाँ बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने तुरंत ही राजा को दक्खिन का शासन-भार सौंपा। उस दिन ओरछे में बड़ा आनंद मनाया गया। शाही दूत खिलअत और सनद ले कर राजा के पास आया। जुझार सिंह को बड़े-बड़े काम करने का अवसर मिला।

Premchand — Raja Hardaul | मुंशी प्रेमचंद — राजा हरदौल | Story | Hindi Kahani
Premchand — Raja Hardaul | मुंशी प्रेमचंद — राजा हरदौल | Story | Hindi Kahani

मिट्टी बचाओ या मृदा बचाओ जिसे इंग्लिश में SAVE SOIL MOVEMENT कहा जा रहा है एक अभियान है जिसे सदगुरु जी द्वारा शुरू किया गया है जो एक योगी और गुरु है और ‘ईशा फाउंडेशन’ के संस्थापक है। 3.5 अरब से अधिक लोगों के Save Soil समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए, सदगुरु 24 देशों में 30,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा एक अकेले मोटरसाइकिल पर करेंगे। यात्रा लंदन में शुरू होगी और दक्षिणी भारत में कावेरी बेसिन में समाप्त होगी जहां सदगुरु द्वारा शुरू की गई कावेरी कॉलिंग परियोजना ने अब तक 125,000 किसानों को मिट्टी को पुनर्जीवित करने और कावेरी नदी के घटते पानी को फिर से भरने में मदद करने के लिए 62 मिलियन पेड़ लगाने में सक्षम बनाया है।

Save Soil Movement by Sadhguru | मिट्टी बचाओ अभियान क्या है?
Save Soil Movement by Sadhguru | मिट्टी बचाओ अभियान क्या है?

मृदुला मैजिस्ट्रेट के इजलास से ज़नाने जेल में वापस आयी, तो उसका मुख प्रसन्न था। बरी हो जाने की गुलाबी आशा उसके कपोलों पर चमक रही थी। उसे देखते ही राजनीतिक कैदियों के एक गिरोह ने घेर लिया और पूछने लगीं, कितने दिन की हुई ? मृदुला ने विजय-गर्व से कहा-मैंने तो साफ-साफ कह दिया, मैंने धरना नहीं दिया। यों आप जबर्दस्त हैं, जो फैसला चाहें, करें। न मैंने किसी को रोका, न पकड़ा, न धक्का दिया, न किसी से आरजू-मिन्नत ही की। कोई ग्राहक मेरे सामने आया ही नहीं। हाँ, मैं दूकान पर खड़ी ज़रूर थी। वहाँ कई वालंटियर गिरफ्तार हो गये थे। जनता जमा हो गयी थी। मैं भी खड़ी हो गयी। बस, थानेदार ने आ कर मुझे पकड़ लिया।

Premchand — Jail | मुंशी प्रेमचंद — जेल | Story | Hindi Kahani
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